padmawati ke alp itihas ke liye bhansali ke muh par tamacha
इस लड़ाई को केवल राजपूत समाज की लड़ाई ना बनने दे, ये पूरे भारतीय समाज की लड़ाई है । *महापुरुष और वीरांगनाऐ* किसी एक जाति के नहीं होते अपितु पूरे धर्म की विरासत होते हैं । देश भर में वायरल अमित शर्मा की कविता को एक बार फिर शेयर कर रहा हूँ.
इसे इतना शेयर करो कि आपका हर शेयर संजय लीला भंसाली अथवा अन्य फिल्मकारों के मुह पर तमाचे की तरह लगे.
पद्मावती रानी के त्याग का अल्प इतिहास बताते हुए संजय लीला भंसाली को चेतावनी
*बॉलीवुड में भांड भरे है, नीयत इनकी काली है*
*इतिहासों को बदल रहे, संजय लीला भंसाली है*
*चालीस युद्ध जीतने वाले को ना वीर बताया था*…
*संजय तुमने बाजीराव को बस आशिक़ दर्शाया था*
*सहनशीलता की संजय हर बात पुरानी छोड़ चुके*…
*देश धर्म की खातिर हम कितनी मस्तानी छोड़ चुके*
*अपराध जघन्य है तेरा, दोषी बॉलीवुड सारा है*
*इसलिए ‘करणी सेना’ ने सेट पर जाकर मारा है*
*संजय तुमको मर्द मानता, जो अजमेर भी जाते तुम*…
*दरगाह वाले हाजी का भी नरसंहार दिखाते तुम*…
*सच्चा कलमकार हूँ संजय, दर्पण तुम्हे दिखाता हूँ*…
*जौहर पदमा रानी का, तुमको आज बताता हूँ*…
*सुन्दर रूप देख रानी का बैर लिया था खिलजी ने*…
*चित्तौड़ दुर्ग का कोना कोना घेर लिया था खिलजी ने*…
*मांस नोचते गिद्धों से, लड़ते वो शाकाहारी थे*…
*मुट्ठी भर थे राजपूत, लेकिन मुगलो पर भारी थे*…
*राजपूतो की देख वीरता, खिलजी उस दिन काँप गया*…
*लड़कर जीत नहीं सकता वो ये सच्चाई भांप गया*…
*राजा रतन सिंह से बोला, राजा इतना काम करो*…
*हिंसा में नुकसान सभी का अभी युद्ध विराम करो*…
*पैगाम हमारा जाकर रानी पद्मावती को बतला दो*…
*चेहरा विश्व सुंदरी का बस दर्पण में ही दिखला दो*…
पद्मावती रानी
*राजा ने रानी से बोला रानी मान गयी थी जी*…
*चित्तौड़ नहीं ढहने दूंगी ये रानी ठान गयी थी जी*…
*अगले दिन चित्तौड़ में खिलजी सेनापति के संग आया*…
*समकक्ष रूप चंद्रमा सा पद्मावती ने दिखलाया*…
*रूप देखकर रानी का खिलजी घायल सा लगता था*…
*दुष्ट दरिंदा पापी वो पागल पागल सा लगता था*…
*रतन सिंह थे भोले राजा उस खिलजी से छले गए*…
*कैद किया खिलजी ने उनको जेलखाने में चले गए*…
*खिलजी ने सन्देश दिया चित्तौड़ की शान बक्श दूंगा*…
*मेरी रानी बन जाओ,,,,, राजा की जान बक्श दूंगा*…
*रानी ने सन्देश लिखा,, मैं तन मन अर्पण करती हूँ*…
*संग में नौ सौ दासी है और स्वयं समर्पण करती हूँ*…
*सभी पालकी में रानी ने बस सेना ही बिठाई थी*…
*सारी पालकी उस दुर्गा ने खिलजी को भिजवाई थी*…
*सेना भेजकर रानी ने जय जय श्री राम बोल दिया*…
*अग्नि कुंड तैयार किया था और साका भी खोल दिया*…
*मिली सूचना सारे सैनिक, मौत के घाट उतार दिए*…
*और दुष्ट खिलजी ने राजा रतन सिंह भी मार दिए*…
*मानो अग्नि कुंड की अग्नि उस दिन पानी पानी थी*…
*सोलह हजार नारियो के संग जलती पदमा रानी थी*…
*सच्चाई को दिखलाओ,,,, हम सभी सत्य स्वीकारेंगे*…
*झूठ दिखाओगे संजय,,, तो मुम्बई आकर मारेंगे*…
Thanks for reading पद्मावती रानी के त्याग का अल्प इतिहास बताते हुए संजय लीला भंसाली को चेतावनी please share it as much as you can.
जय राजपुताना
जय राजपुताना
JAY RAJPUTANA THE TIGER OF EARTH